दलित धर्म के सिंद्धांत
1. दलित हिन्दू नहीं हैं।
2. वे वेदों के ज्ञान में आस्था नहीं रखते हैं।
3. वे यज्ञ नहीं करते हैं।
4. वे गुरु को मानते हैं।
5. वे समतावादी हैं।
6. वे वर्ण व्यवस्था और जातिभेद का खंडन करते हैं।
7. वे स्त्रिायों की स्वतंत्राता के पक्षधर हैं।
8. वे एक निर्गुण, निराकार ईश्वर को मानते हैं।
9. वे जन्म जन्मांतरवाद, अवतारवाद और स्वर्ग नर्क की धारणाओं को अस्वीकार करते हैं।
10. ब्राह्मणों की श्रेष्ठता को नहीं मानते और न उनसे गुरुदीक्षा लेते हैं।
11. वे हिन्दू देवी देवताओं की पूजा नहीं करते।
12. वे श्रमजीवी हैं, भीख मांग कर नहीं खाते हैं।
13. वे संस्कृत को नहीं, लोकभाषा को अपनाते हैं।
साभार कँवल भारती जी. (Via Facebook)
1. दलित हिन्दू नहीं हैं।
2. वे वेदों के ज्ञान में आस्था नहीं रखते हैं।
3. वे यज्ञ नहीं करते हैं।
4. वे गुरु को मानते हैं।
5. वे समतावादी हैं।
6. वे वर्ण व्यवस्था और जातिभेद का खंडन करते हैं।
7. वे स्त्रिायों की स्वतंत्राता के पक्षधर हैं।
8. वे एक निर्गुण, निराकार ईश्वर को मानते हैं।
9. वे जन्म जन्मांतरवाद, अवतारवाद और स्वर्ग नर्क की धारणाओं को अस्वीकार करते हैं।
10. ब्राह्मणों की श्रेष्ठता को नहीं मानते और न उनसे गुरुदीक्षा लेते हैं।
11. वे हिन्दू देवी देवताओं की पूजा नहीं करते।
12. वे श्रमजीवी हैं, भीख मांग कर नहीं खाते हैं।
13. वे संस्कृत को नहीं, लोकभाषा को अपनाते हैं।
साभार कँवल भारती जी. (Via Facebook)