Wednesday, January 22, 2014

Gandhi and Dalits - गाँधी और दलित

नवभारत टाइम्स की एक साइट से प्राप्त जानकारी आपसे शेयर कर रहा हूँ. यह दिल्ली के एक सज्जन के कमेंट्स पर आधारित है

बाबा साहेब को गाँधी के साथ 3 बार गोलमेज़ सम्मेलन करने की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि गाँधी 85% दलित अछूत बैक्वर्ड और माइनोरिटीस को किसी प्रकार का कोई भी सामाजिक अधिकार देने का विरोध कर रहा था. चाहता था कि भारत के 15% लोगों को अँग्रेज़ों से आज़ादी मिल जाए लेकिन 85% बहुजन उन 15% अल्पजनों के गुलाम ही रहे


इसी बात को लेकर गाँधी और बाबा साहेब में तकरार चल रही थी. पहले तो गाँधी ने ऐसी किसी भी मीटिंग का विरोध किया. लेकिन अंग्रेज़ों के दबाव के कारण वो बहस के लिए तैयार हो गया. लेकिन जब उसे लगा कि बाबा साहेब तो उनको वे सभी हक देना चाहते हैं जो सवर्णो को मिले हैं तो वो गोलमेज सम्मेलन वहीं छोड़कर चल दिया. इसी घटना के बाद गाँधी का वास्तविक चरित्र अँग्रेज़ों के सामने खुलकर आया. जब बाबा साहेब को लगा कि गाँधी एंड कंपनी बहुजनों को कोई हक नहीं देना चाहती तब बाबा साहेब ने अलग प्रतिनिधित्व (electorate) की माँग की. ...और गाँधी आमरण अनशन पर बैठ गया था. इससे अहिंसावादी अंबेडकर दबाव में आ गए और आगे चल कर दोनों के बीच पूना पैक्ट हुआ था और अलग इलैक्टोरेट की जगह दलितों के प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण देना तय हुआ था.

जहाँ गाँधी 15% सवर्णो का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वही अंबेडकर 85% दलित अछूतों/पिछड़ों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे जो हज़ारों सालों से मनुवादियों के गुलाम थे, जो सामाजिक, बौद्धिक, आर्थिक स्तर पर शून्य हो गये थे. गाँधी ने साफ-साफ कहा था कि अगर अंग्रेज हमें आज़ाद करते हैं और उसमें दलितों को कोई अधिकार देते हैं तो ऐसी आज़ादी हमें नहीं चाहिए. उसने हमेशा यह कोशिश की कि आज़ादी के बाद दलित और पिछड़े गुलाम बने रहें और उन्हें कोई भी सामाजिक अधिकार न मिले.

Monday, January 20, 2014

Who is a Hindu - हिंदू कौन

यह सारा वीडियो देखा है. ये सज्जन बहुत कुछ बताते दिखते हैं लेकिन 'आर्य' शब्द का अर्थ नहीं बताते हैं. जो तोते ने रटा है इनका आर्य भी उतना ही है. इस वीडियो का इस बात पर ज़ोर है कि आर्य मूलतः भारत के रहने वाले हैं और इस भूखंड का मूल नाम आर्यवर्त है. इन्हें आर्य शब्द का अर्थ पता होता तो जान जाते कि बाहर से आकर आक्रमण करने वाले को आर्य कहा जाता है और कि इस शब्द का प्रयोग भारत के मूलनिवासी करते रहे हैं.


Friday, January 17, 2014

Mulniwasi and Bahujan - मूलनिवासी और बहुजन

प्रचंड नाग (फेसबुक से)
बाबासाहेब आपको बहुजन बनाकर बहुसंख्यक बना देना चाहते हैं और आप है कि दलित-हरिजन बनकर अल्पसंख्यक बन जाना चाहते हैं । बाबासाहेब आपको बौद्ध बनाकर मान-सम्मान दिलाना चाहते हैं और आप हैं कि दलित-हरिजन बनकर अपमान ओढ़ लेना चाहते हैं । बाबासाहेब आपको बहुजन बनाकर एसटी-ओबीसी से एकरूप कर देना चाहते हैं और आप हैं कि दलित-हरिजन बनकर अलग-थलग पड़ जाना चाहते हैं । अल्पसंख्यक ब्राह्मणों को देखिये कैसे वे एससी-एसटी-ओबीसी को हिन्दू बनाकर बहुसंख्यक बन जाते हैं । अल्पसंख्यक ब्राह्मणों को देखिये कैसे वे एससी-एसटी-ओबीसी को हिन्दू बनाकर उन्हें नालायक बना डालते हैं । अल्पसंख्यक ब्राह्मणों को देखिये कैसे वे एससी-एसटी-ओबीसी को हिन्दू बनाकर उनसे 5 गुना अधिक संख्या वाले मुसलिमों को धमकाते हैं अल्पसंख्यक बुलाते हैं । अल्पसंख्यक ब्राह्मणों को देखिये कैसे वे एससी-एसटी-ओबीसी को हिन्दू बनाकर उनके ही विरोध में उनसे ही कार्य करवाते हैं । और आप हैं कि स्वयं दलित-हरिजन बनकर अलग-थलग पड़ जाना चाहते हैं , अपमान ओढ़ लेना चाहते हैं , अल्पसंख्यक बन जाना चाहते हैं ।

Unlike ·  ·  · 40 minutes ago · 
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  • Bharat Bhushan Bhagat वाकई ये परेशान करने वाली बातें हैं.
  • Nandram Dongre आपके इस क्रांतिकारी पोष्ट के लिये आपका आभारी हूँ।आपके ये प्रयास कितनों पर असर करेंगे,भविष्य के गर्त मे है।जय भीम