पंजाब के मेघ बच्चे पंजाबियत का गर्व करते हैं.
इसी प्रकार जम्मू-कश्मीरियत या डोगरियत का भी वे दम भरते हैं. राजस्थान में वे
राजस्थानियत के हो रहे हैं और गुजरात में गुजरातियत के.
मैं इस प्रवृत्ति या आदत का पक्ष नहीं ले पाता. इसके
कारण हैं. पंजाब में पंजाबियत पर सिखों, जाट सिखों और सिखी का एकाधिकार है और उसका
प्रचार भी खूब हुआ है. जम्मू-कश्मीर में ब्राह्मणों और राजपूतों ने डोगरियत पर
कब्ज़ा किया है. राजस्थानियत पर राजपूतों और मारवाड़ियों ने हक़ जमा लिया है और
गुजरातियत पर सिंधियों और मारवाड़ियों ने. क्या आपने सुना है कि कहीं मेघवंशियों
के साथ कोई इयत जुड़ी हो?
नहीं न? यह संभव भी नहीं है.
झूठे गर्व का कोई लाभ नहीं. इसका गुब्बारा एक पल
में फूट जाता है. इयत का सीधा संबंध प्रगति और संपन्नता से है और यह एकता से संभव
है.
Megh Politics
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