मैं एक साधारण मेघ
भगत हूँ. मेरा समुदाय स्वतंत्रता के बाद से ही एक राजनीतिक दल को वोट देता आया है.
लेकिन महसूस करता है कि उस दल ने आज तक किसी मेघ भगत को चुनाव लड़ने के लिए चुनावी
टिकट नहीं दिया. न उसने किसी मेघ भगत को प्रोत्साहित किया कि वह उस दल की ओर से अपने
समुदाय में संगठनात्मक कार्य करे.
अब समुदाय के रूप में
सोचना होगा कि जिस राजनीतिक दल यानि कांग्रेस के साथ हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ
जुड़े रहे हैं, यहाँ तक कि इमरजेंसी के दौरान और बाद में भी, उसने इस समुदाय को
राजनीतिक पहचान देने के बारे में सोचा तक नहीं. यह समय अब मेघ भगत समुदाय के सोचने
का है कि अब कांग्रेस के साथ वफ़ादारी निभाना में समझदारी है या नहीं. कहते हैं कि
प्रेम उसी से करना चाहिए जो प्रेम की क़द्र कर सके. अब इस अखाड़े के कई लोगों की राय है कि आगामी चुनावों
में उक्त राजनीतिक दल के किसी उम्मीदवार को वोट नहीं
देना चाहिए.
कोशिश करें कि किसी
भी ऐसे उम्मीदवार को वोट दें जिसे कोई अन्य राजनीतिक दल मान्यता दे रहा हो या जिसे हमारे भगत
महासभा जैसे सामाजिक संगठन बेहतर उम्मीदवार समझते हों. इसे अपनी राजनीतिक जागरूकता
के रूप में देखें और एकता का प्रदर्शन करें. यही जादू है जो वोट की राजनीति में चलता
है.
Megh Politics
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