Friday, January 6, 2012

Say no to crutches - बैसाखियों को कहें न


मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता को जानता हूँ जिसने कांग्रेसियों के साथ मिल कर कार्य किया और उनके कार्यक्रमों को सफल बनाया. उसकी खूब तारीफ़ की जाती रही. एक समय आया जब उसके साथियों ने उसे एम.एल.ए. की सीट के लिए चुनाव लड़ने का सुझाव दिया. उसने टिकट के लिए आवेदन कर दिया. कार्यकर्ता के तौर पर उसकी पीठ थपथपाने वाले हाथ यानि कांग्रेसी बॉस आज उससे नाराज़ हैं.

इसे ऐसे समझ लें कि आप अपना प्रयोग जब तक चाहे होने दे सकते हैं. यह आपकी मर्ज़ी पर है. राजनीतिक पार्टियाँ बहुत मज़बूत होती हैं लेकिन उनकी दी हुई बैसाखियाँ बहुत कमज़ोर होती हैं. उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. यदि आप आगे की पंक्ति में आना चाहते हैं तो समर्थकों की शक्ति का साथ होना चाहिए. अपने समर्थक बनाने के लिए कार्य और श्रम करें. यह बेहतर रास्ता है.

यदि आपका समुदाय कमज़ोर है तो उसे कोसने से कुछ नहीं होगा. आपको इस उद्देश्य से श्रम करना होगा कि समुदाय अपनी शक्ति को पहचाने.

जय मेघ !

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