Tuesday, April 17, 2012

Meghdhara – મેઘધારા - मेघधारा



कुछ समय पहले एक पोस्ट में मैंने कच्छ, गुजरात से शुरू समाचार-पत्र मेघधारा का उल्लेख किया था. इसे देखने की इच्छा बड़ी देर से थी. कुछ सप्ताह पहले श्री नवीन भोइया ने मुझे पत्रिका की पीडीएफ़ फाइलें भेजीं.

इन दिनों मैं डॉ. ध्यान सिंह के कबीर पंथियों (मेघ भगतों) पर लिखे शोधग्रंथ को खंगाल रहा था और इसके तीसरे अध्याय को यूनीकोड में तब्दील रहा था. इसके पहले पाठ में टाइपिंग की कुछ त्रुटियाँ थीं जिन्हें ठीक करना आवश्यक था. इसी सिलसिले में आज नवीन भोइया जी से फोन पर बातचीत हुई. उन्हें अनुरोध किया है कि वे गुजरात के मेघवारों के इतिहास पर आलेख भेजें जिससे गुजरात में मेघवंश के ज्ञात इतिहास की जानकारी मिल सके. उन्होंने अनुरोध स्वीकार कर लिया है. आशा है कि ये प्रयास मेघवंश के समेकित इतिहास को ठोस आधार दे पाएँगे.

यह इसलिए लिखा कि डॉ. ध्यान सिंह और नवीन भोइया जी के कार्य का बहुत महत्व है.

मेघधारा स्थानीय भाषा गुजराती में छपता है. इसकी सर्कुलेशन बढ़ रही है. तदनुसार पीडीएफ फाइलों की सामग्री गुजराती में है. नवीन जी भी इसी विचार के हैं कि देश भर में फैले मेघवंशियों का धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर आपसी समन्वयन और सहयोग बहुत आवश्यक हो गया है. अखिल कच्छ माहेश्वरी विकास संघ (Akhil Kutchh Maheshwari Vikas Seva Sangh) बारमती पंथ के जिनान (गुजरात के मेघवंशियों का अपना धर्म जिसका उद्गम मेरे विचार से बौधधर्म है) पर बहुत कार्य कर रहा है जिसे 'मेघधारा' के सातवें अंक में देखा जा सकता है. उन्होंने एक सेमिनार का आयोजन किया था. अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शोधकर्ता Francoise Mallison (जो फ्रेंच महिला हैं) इस अवसर अपना शोध-पत्र पढ़ने के लिए पधारी थीं. कार्यक्रम की झलक 7वें अंक के चित्रों से देखी जा सकती है.

आशा है कि आगे चल कर मेघधारा में अंग्रेज़ी और हिंदी आलेखों को भी स्थान मिलेगा.

मेघधारा के अब तक प्राप्त सातों अंकों को इस लिंक पर देखा जा सकता है.   

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