Thursday, September 13, 2012

Third Front in dirty politics - गंदी राजनीति में तीसरा मोर्चा


भाजपा और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू नहीं हैं बल्कि यह एक ही सिक्का है जिसके दोनों पहलू एक से हैं. 

इन दिनों मुलायम सिंह ने कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ संसद के बाहर कोयला घोटाले के विरुद्ध धरना दे कर एक संकेत दिया है जिसे बिना समय गँवाए मीडिया ने तीसरे मोर्चे का नाम और पता दे दिया है. मीडिया के पीछे बैठे लोगों की राजनीति देखने योग्य है.

तीसरे मोर्चे का नारा लगता रहता है. समय है कि अनुसूचित जातियाँ और जनजातियाँ अपने वोटों की एकता कर के प्रमाणित करें कि उनके बिना तीसरा मोर्चा अधूरा और खोखला है. यदि उनके बिना तीसरा फ्रंट बनता है तो दलित विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहें.

(इस बीच केजरीवाल की पार्टी, जिसका अभी नाम अभी नहीं रखा गया, उसे चौथा फ्रंट का नाम दैनिक भास्कर ने दे दिया है. शीघ्र ही ज़ी-चैनल भी कुछ कहने लगेगा.)

Megh Politics

 

 

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