अक्तूबर माह, 1837 में मैकाले ने भारतीय दंड संहिता (IPC) का मसौदा
तैयार किया था जिसने आगे चल कर दलितों को सुमति भार्गव की बनाई 'मनुस्मृति' के विनाशकारी
कानून से बचाया.
अक्तूबर 1835 में ही लॉर्ड मैकाले ने ‘शिक्षा का कार्यवृत्त (1835)’ भारत को
दिया जिसने निश्चय ही भारत को ऐसे रास्ते पर ला खड़ा किया है जहाँ से हम धरती के
महानतम देश बनने राह पर निकल पड़े हैं.
यह दो कार्य मैकाले ने ऐसे किए जिनसे मनुवादी/ब्राह्मणवादी
ढाँचे को बदलने में मदद मिली. यही कारण है कि मनुवादियों ने मैकाले और उसकी
नीतियों के विरुद्ध जम कर ज़हर उगला है.
Megh Politics
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