भारत के आदिवासियों/मूलनिवासियों का इस देश की ज़मीन पर अधिकार सदियों से क्रमवार तरीके से समाप्त कर दिया गया है. आज भी उनके जंगल, जल और ज़मीन पर कोई भी ठेकेदार अधिकार जमा लेता है. ठेकेदार को पुलिस, नौकरशाही और मीडिया का और कई अन्य एजेंसियों समर्थन मिल जाता है. आदिवासियों की ग़रीबी दूर न होने का यही मुख्य कारण है. सरकार पूरी तरह से गंभीर नहीं है कि इन मूलनिवासियों के अधिकारों की रक्षा न्यायपूर्वक की जाए. दशाब्दियों से वह अपनी मजबूरियाँ गिनवाती आ रही है. इस बीच नक्सलवाद बढ़ा है.
अब देश भर के आदिवासियों ने एकता परिषद के झंडे तले ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच किया है जिसने भारत सरकार को परेशानी में डाल दिया है. आगे चल कर यह परेशानी बढ़ सकती है. इस कूच का नेतृत्व पी.वी. राजगोपाल कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि यह आंदोलन नक्सली हिंसा जैसे तत्त्व से मुक्त है.
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लिंकों से आप और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
एन.डी. टीवी ख़बर
50,000 आदिवासियों ने भूमि अधिकारों के लिए किया दिल्ली कूच
जनसत्याग्रह के लिए 50 हजार लोगों का दिल्ली कूच
March to Delhi for land rights
एन.डी. टीवी ख़बर
50,000 आदिवासियों ने भूमि अधिकारों के लिए किया दिल्ली कूच
जनसत्याग्रह के लिए 50 हजार लोगों का दिल्ली कूच
March to Delhi for land rights
बिल्कुल सही किया सोती सरकार को तो जगाना ही है..
ReplyDeleteआदिवासियों की दीर्घकाल से उपेक्षा होती आ रही है।
ReplyDeleteयह शांतिपूर्ण मार्च यह संकेत करता है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो चुके हैं।
JAAGROOKTA ACHCHHI BAAT HAI
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