Monday, October 8, 2012

Ekta Parishad leads Indian aboriginals to Delhi– एकता परिषद के नेतृत्व में आदिवासियों का दिल्ली कूच - 2012



भारत के आदिवासियों/मूलनिवासियों का इस देश की ज़मीन पर अधिकार सदियों से क्रमवार तरीके से समाप्त कर दिया गया है. आज भी उनके जंगल, जल और ज़मीन पर कोई भी ठेकेदार अधिकार जमा लेता है. ठेकेदार को पुलिस, नौकरशाही और मीडिया का और कई अन्य एजेंसियों समर्थन मिल जाता है. आदिवासियों की ग़रीबी दूर न होने का यही मुख्य कारण है. सरकार पूरी तरह से गंभीर नहीं है कि इन मूलनिवासियों के अधिकारों की रक्षा न्यायपूर्वक की जाए. दशाब्दियों से वह अपनी मजबूरियाँ गिनवाती आ रही है. इस बीच नक्सलवाद बढ़ा है.


अब देश भर के आदिवासियों ने एकता परिषद के झंडे तले ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच किया है जिसने भारत सरकार को परेशानी में डाल दिया है. आगे चल कर यह परेशानी बढ़ सकती है. इस कूच का नेतृत्व पी.वी. राजगोपाल कर रहे हैं. अच्छी बात यह है कि यह आंदोलन नक्सली हिंसा जैसे तत्त्व से मुक्त है.






3 comments:

  1. बिल्कुल सही किया सोती सरकार को तो जगाना ही है..

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  2. आदिवासियों की दीर्घकाल से उपेक्षा होती आ रही है।
    यह शांतिपूर्ण मार्च यह संकेत करता है कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो चुके हैं।

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